बिहार का बैजनाथ -सिंहेश्वर का शिव मंदिर मधेपुरा
कोशी का बैजनाथ -सिंघेस्वर का शिव मंदिर मधेपुरा
मधेपुरा जिले में है यह मंदिर त्रेता युगीन
मंदिर है यह कोशी नदी के सहायक नदी के किनारे अब्स्थित है यह सृंगी ऋषि की तप स्थली
के रूप में प्रसिध्य है
यह़ॉ आने
के लिए आपको बिहार की राजधानी पटना रेल सड़क या हवाई मार्ग से आना होगा पटना
पुरे देश से रेल सड़क या हवाई मार्ग से ज़ुरा हुआ है पटना पहुचने के बाद आपको रेल से कोशी का बैजनाथ -सिंघेस्वर
का शिव मंदिर मधेपुरा आने के लिए दौरम मधेपुरा
रेलवे स्टेशन आना होगा पटना से सीधे कोशी एक्सप्रेस या जनहित एक्सप्रेस दौरम मधेपुरा आती है आप सीधे रेल से यहाँ पहुच सकते
है यहाँ से कोशी का बैजनाथ -सिंघेस्वर का शिव मंदिर की दुरी करीब ९ किलोमीटर
है स्टेशन परिसर में ही काफी ऑटो लगी रहती है जो आपको सीधे २० रुपये में सिंघेस्वर
मंदिर के हाथी गेट के पास पहुचा देगी जहा से
मंदिर १०० मीटर की दुरी पर है सड़क से ही मंदिर का शिखर दिखाई देता है मंदिर के पुरबी
गेट के पास ही शिव गंगा सरोबर है
सड़क मार्ग से आप देश के किसी भी कोने से सहरसा पहुच
सकते है जहा से सिंघेस्व्वर शिव मंदिर ३० किलोमीटर पूरब की और है सहरसा से बस या ट्रेन
ऑटो से आप मंदिर सीधे पहुच सकते है
हवाई मार्ग से आने के लिए पटना का जय प्रकाश हवाई
अड्डा और दरभंगा का हवाई अड्डा नजदीक है देश के सभी भागो से पटना सीधी हवाई सेवा है
जहा आने के बाद आपको फिर ट्रेन या बस से ही सिघेस्वर मंदिर तक पहुचना होगा
मंदिर के प्रागनं में ही काफी फुल के दुकान है यहाँ
से आप पूजन सामग्री खरीद सकते है यह मंदिर काफी पुराना है यहाँ सावन के महीने में भक्त
गंगा जल अरपर्ण करते है मंदिर के प्रागन के बिच में शिव लिंग है जहा प्रितिदीन हजारो शिव भक्त जल अर्पित
करते है शिव मंदिर के ठीक पुरबी किनारे की और पहले गणनायक गणेश जी का मन्दिर है शिव
मंदिर के ठीक पूरब उत्तर ब्किनारे की और माता पार्वती का मंदिर है इसके अतिरिक्त शिव
मंदिर के चारो और और कई मंदिर है जिसमे से भैरव मंदिर राम जी का मंदिर हनुमान जी का
मंदिर प्रमुख्य है मंदिर परिसर में दो कुआ है जिसका जल भागवान शिव और माता पार्वती
को भक्त अर्पित करते है
सिंघेस्वर का शिव मंदिर के आस पास कई धरम शालाये भी है जहा आप मामूली शुल्क देकर रुक सकते है यहाँ
मंदिर के आस पास कई निजी होटल भी है जहा रुकने की उचित सुविधा है यहाँ इस मंदिर परिसर
में शिव रात्रि के अबसर पर काफी बड़ा मेला लगता है जहा इसे देखने पुरे देश से भक्त आते
है पहले यह मेला सोनपुर मेला के बाद दुसरे स्थान पर आता था जहा हाथी घोड़े अवम अन्य
जानबरो की बिक्री होती थी लेकिन अब मेला सिमित हो गया है लेकिन यह मेला एक महीने तक
लगता है जहा पुरे देश के व्यापारी अपने सामानों
की विक्री के लिए आते है
सिंघेस्वर का शिव मंदिर एक अनूठा शिव मंदिर है आप अगर मंदिर के अन्दर शिव लिंग को देखेंगे तो ऐसा प्रतीत
होगा जैसे इसे कई युगों से है यह शिव लिंग शम्भू है इसकी कहानी काफी रोचक और पुरानी
है कहते है की त्रेता युग में जब राजा दसरथ को संतान नहीं हुआ था तब वह यहाँ के संत
तपश्वी श्रृंगी ऋषि के पास संतान की कामना लेकर आये थे जिनके अनुरोध पर श्रृंगी ऋषि
ने यहा पुत्र की कामना से यज्ञ किया था जिस
के हवन कुंड से अग्नि देव प्रकट होकर राजा
दसरथ को खीर प्रदान किये थे जिससे राजा दशरथ
ने अपने तीनो रानियों में बाट दिया था जिससे राजा को चार पुत्र की प्रप्ति हुए थे अग्नि
कुंद में ही शिंगी ऋषि ने शिव लिंग को प्रकट किया था जो तभी से आज तक पूजित हो
रहां है
इस मंदिर के आस पास काफी सुन्दर जगह है जिसका भी आप अबलोकन कर सकते है मंदिर परिसर में पण्डे है जो उचित दर पर आपको पूजा करवा देंगे मंदिर के अन्दर पण्डे हर समय मोजूद रहते है जो आपकी हर तरह की पूजा संपन करते है यहाँ मंदिर परिसर में बारहों महिने विवाह होता है जहा पुरे बिहार समेत नेपाल से विवाह के लिए ग्रामीण आते है यहाँ के मंदिर में विवाह करने की काफी पुराणी परमंपरा है यहाँ विवाह के लिए काफी मामूली शुल्क लिया जाता है मंदिर के आस पास कई धरम शालाये है जहा मामूली राशी पर आप धरम शालाये को किराये पर ले सकते है यहाँ शिवरात्रि के अबसर पर काफी बड़ा मेला का आयोजन किया जाता है जहा देश विदेश के दुकानदार अपने समानो की बिक्री हेतु आते है पहले यह मेला सोनपुर के पशु मेले के बाद एशिया का सबसे बड़ा पशु मेले के रूप में जाना जाता था परन्तु अब यह मेला काफी सिमट गया है मंदिर के आस पास काफी निजी होटल भी है जहा आपको रहने के लिए कमरे आशानी से मिल जाते है यहाँ काफी खाने पिने की भी दुकाने है मंदिर के उत्तेर की और काफी बड़ा पशु बाजार है जहा हर समय पशु मिलते है यहाँ गाय भैस बकरी की काफी नस्ल मिलते है अब यह मेला एक महीने तक लगता है मंदिर के उत्तरी और से पहले नदी बहती थी लेकिन अब वह एक नाले के रूप में रह गयी है
आप यहाँ जरुर आकर इस बिहार के इकलोते शिव मंदिर का दर्शन पूजन जरुर करे आप हमारे पोस्ट हमारे इस वेबसाइट पर भी जाकर पढ सकते है
https://nirmalsevasansthan.wordpress.com
लेखक स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज
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