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शनिवार, 8 मार्च 2025

माँ शीतला देवी: स्वास्थ्य और शांति की देवी

माँ शीतला देवी: स्वास्थ्य और शांति की देवी

माँ शीतला देवी: स्वास्थ्य और शांति की देवी

माँ शीतला देवी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवी मानी जाती

हैं, जो खासकर संक्रामक रोगों और बुखार से संबंधित समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए जानी जाती हैं। वे अपने भक्तों को रोगों से बचाने और शरीर को ठंडक प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं। माँ शीतला का नाम शीतलता (ठंडक) से जुड़ा हुआ है, जो उनके शीतल और शांतिपूर्ण स्वरूप को दर्शाता है।

माँ शीतला देवी का रूप:

माँ शीतला देवी का रूप शांत, शांतिपूर्ण और सौम्य होता है। उनकी तस्वीरों में उन्हें अक्सर ठंडी वस्त्र पहनते हुए दिखाया जाता है, साथ ही वे अपने हाथों में झाड़ू और लोढ़ी (एक प्रकार की कढ़ाई) पकड़े हुए होती हैं। इन प्रतीकों से यह संकेत मिलता है कि माँ शीतला देवी के पास जीवन की अस्वस्थता और रोगों को नष्ट करने की शक्ति है। माँ शीतला देवी का वाहन गधे के रूप में होता है, जो उनके ठंडे और शांतिपूर्ण स्वभाव का प्रतीक है।

माँ शीतला देवी की पूजा का महत्व:

माँ शीतला देवी की पूजा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो बच्चों में होने वाले रोगों, विशेषकर चेचक (पॉक्स), बुखार और संक्रामक बीमारियों से परेशान होते हैं। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति इन रोगों से सुरक्षित रहता है। शीतला देवी की पूजा करने से शरीर को शांति मिलती है, और जीवन में हर प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानियाँ दूर होती हैं।

माँ शीतला देवी के प्रमुख मंदिर:

  1. शीतला माता मंदिर, हरियाणा: हरियाणा के कई स्थानों पर माँ शीतला के मंदिर स्थित हैं। यहाँ पर विशेष रूप से शीतला अष्टमी के दिन भारी भीड़ होती है। श्रद्धालु इस दिन विशेष रूप से माता के दरबार में जाकर अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।
  2. शीतला माता मंदिर, दिल्ली: दिल्ली में शीतला माता का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो दक्षिणी दिल्ली में स्थित है। यहाँ पर शीतला अष्टमी के दौरान विशेष पूजा अर्चना होती है और भक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं।
  3. शीतला माता मंदिर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में भी कई प्रमुख स्थानों पर शीतला देवी के मंदिर स्थित हैं, जहां पर भक्तों की भीड़ नवरात्रि और शीतला अष्टमी के समय बहुत बढ़ जाती है।

शीतला पूजा का विधि-विधान:

माँ शीतला देवी की पूजा के लिए विशेष रूप से शीतला अष्टमी का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो आमतौर पर चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन, भक्त पानी और आग से संबंधित सभी वस्तुओं को शुद्ध करके देवी की पूजा करते हैं। विशेष रूप से बच्चे और छोटे परिवार इस दिन को खास महत्व देते हैं। पूजा के दौरान श्रद्धालु शीतला माता के मंदिर में जाकर उन पर ठंडे व्यंजन चढ़ाते हैं, जैसे- पूड़ी, चने, हलवा और ठंडी मिठाइयाँ।

माँ शीतला देवी के आशीर्वाद के लाभ:

  1. स्वास्थ्य और रोगों से मुक्ति: माँ शीतला देवी की पूजा से संक्रामक रोगों, बुखार और त्वचा से संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से चेचक जैसी घातक बीमारियों से यह देवी रक्षा करती हैं।
  2. मनोवांछित सुख की प्राप्ति: माँ शीतला की पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  3. बच्चों की सुरक्षा: शीतला माता बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण की देवी मानी जाती हैं, विशेषकर बच्चों में होने वाले बुखार और वायरल संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष:

माँ शीतला देवी का पूजन व्यक्ति के स्वास्थ्य, शांति और सुख के लिए बहुत लाभकारी होता है। वे न केवल संक्रामक रोगों से मुक्ति देती हैं, बल्कि शीतलता और ठंडक प्रदान करके जीवन में सुख और शांति का संचार करती हैं। उनका आशीर्वाद पाने के लिए सच्ची श्रद्धा और भक्ति आवश्यक होती है, और शीतला अष्टमी के दिन उनका पूजन विशेष महत्व रखता है।

लेखक स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज

 ©यह लेख स्वामी निर्मल गिरी जी का निजी लेख है इस लेख को किसी भी तरह से बिना लेखक के अनुमति के प्रकाशित करना कानूनन अपराध है Top of Form

 


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