सूर्य मंदिर इस्लामपुर बिहार का एक अनूठा मंदिर
यहाँ जाने के लिए दिल्ली
से प्रतिदिन मगध एक्सप्रेस ट्रेन इस्लामपुर आती है जो देश के सभी भागो से आने बाले
ट्रेनों से ज़ुरा हुआ है उत्तर की और से आने के लिए आप किसी भी भाग से पटना जंक्शन पहुचे
यहाँ से आपको रेल और सरक दोनों सुविधाए इस्लामपुर जाने के मिल जाएँगी इस्लामपुर रेलवे स्टेशन से सूर्य मंदिर करीब १किलो मीटर की
दुरी पर दक्षिण की और से है यहाँ जाने के लिए आपको ऑटो मिल जाएगी आप यहाँ से पैदल भी
मंदिर की और जा सकते है इस्लामपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर साफ दिखाई देता है
मंदिर काफी पुराना था लेकिन यह जीर्ण हो गया था जिसका पुनः निर्माण स्थानीय ग्रामिनो ने करवाया है मंदिर में भगवान् सूर्य देव की प्रतिमा है जिसका पूजन होता है मंदिर का नया निर्माण किया गया है बगल में एक तालाब भी है कहा जाता है की इस तालाब में स्नान करने से चरम रोग समाप्त हो जाता है मंदिर परिसर में काफी पुराणी मुर्तिया खंडित रूप में है
जिसमे भगवान् शिव
माता पार्वती और अन्य देवी देवताओ की मुर्तिया
है ये सभी मुर्तिया काफी पुरानी है जो दिखने में मोर्ये कालीन प्रतीत होती है इन मूर्तियों
को संरक्षित करने की जरुरत है
मंदिर के आस पास के ग्रामीणों
से जानकारी प्राप्त हुए की एन मूर्तियों को मुग़ल काल में खंडित किया गया था खंडित मूर्तियों के निर्माण को देखकर ऐसा प्रतीत
होता है की इन को मोर्य काल में निर्मित किया गया था इसका समंध नालंदा विश्वविदयालय
से है यह से कुछ ही दुरी पर प्राचीन नालंदा विश्व विद्यालय है मेरे अनुमान से इस मंदिर
का निर्माण उसी समय में किसी राजाओ के द्वारा
करवाया जाया होगा आप एक बार यहाँ आकर जरुर
सूर्य मंदिर के दर्शन पूजन करें यहाँ से राजगीर भी जाया जा सकता है
लेखक स्वामी निर्मल गिरी
जी महाराज
लेखक स्वामी निर्मल गिरी जी
महाराज
©यह लेख स्वामी निर्मल गिरी जी का निजी लेख है इस लेख को किसी भी तरह से बिना लेखक के अनुमति के प्रकाशित करना कानूनन अपराध है
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