शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024

SHREE KEDARNATH JYOTILING UTTARAKHAND

 

श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग

निर्मल सेवा सस्थान सहरसा बिहार की और से 


                                                            श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उतराखंड के उतर काशी जिले में है यह ज्योतिलिंग भगवान् शिव के बारह ज्योतिलिंग में से एक है यहाँ जाने के लिए आपको ऋषिकेश रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से बस मिल जाएगी जो आपको गोरीकुंड तक पंहुचा देगी फिर वहा से आप को पैदल या घोरे पालकी या खचर की सुबिधा भी मिल जाएगी अगर आप प्रकृति के सुन्दर नजरो को करीब से देखना चाहते है तो लगभग २०किलो मीटर की पैदल यात्रा करे देश के सभी कोनो से ट्रेन और बस की सुविधा उपलध है इसका नजदीकी एअरपोर्ट देहरादून में है जो ऋषिकेश से 40 किलोमीटर की दुरी पर है जहा से भी आपको बस मिल जाएगी किराया लगभग ७०० से १००० रूपये के बराबर रहता है  इस ज्योतिलिंग की स्थापना पांड्वो ने की थी कहते है की इसकी स्थापना के बारे में कई किवदंती है जैसा की पुरानो में वर्णित है की इस श्री केदारनाथ ज्योतिलिंग की स्थापना पांडवो के अर्जुन के प्रपोत्र जन्मेजय ने की थी यह ज्योतिलिंग उतर काशी जिले के काफी बफिले इलाके में अबस्तिथ है यह ज्योतिलिंग भगवान् शिव के ज्योतिलिंगो में पाचवा  ज्योतिलिंग है यह मंदिर लगभग ३५९३ फीट की उचाई पर बना हुआ है इस ज्योतिलिंग को केदारनाथ कहा जाता है यह केदार घाटी क्षेत्र में है इस मंदिर का निर्माण जन्मेजय ने करवाया था मंदिर के पुराने होने के बाद आदि गुरु शंकराचार्य ने इसका पूर्णः जीर्णोधार करवाया था श्री केदारनाथ ज्योतिलिंग भगवान शिव का पांचवा ज्योतिलिंग है यह शिव लिंग काफी प्राचीन है इसकी काफी मान्यता है उतराखंड में दो प्रमुख्य धाम है जिसमे केदारनाथ और बद्रीनाथ प्रमुख्य तीर्थ स्थान है श्री केदारनाथ ज्योतिलिंग के दर्शन के बाद श्री बद्रीनाथ के दर्शन का काफी महत्व है केदारनाथ के बाद श्री बद्रीनाथ का दर्शन करना अन्यंत फलदायक माना जाता है

केदारनाथ ज्योतिलिंग के स्थापना की कथा अत्यंत रोचक है महाभारत के युध्य में पांडव बिजयी हुई थे सभी पांचो पांडव भगवान शिव का आशिर्बाद पाकर पाप से मुक्त होना चाहते थे लेकिन भगवान् शिव उन पांचो पांडव से नाराज थे

पांडव भगवान् शिव को खोजते खोजते हिमा लय तक आ पहुचते थे लेकिन भगवान् शिव पांचो पांडवो को दर्शन नहीं देना चाहते थे भगवान् शिव केदार घाटी चले गए थे पांडवो ने उनका पीछा करते हुए केदार घाटी पहुच गए थे भगवान शिव ने बैल का रूप बना लिया था वह अन्य जानवरों के साथ निकल जाना चाहते थे लेकिन पांचो पांडवो को संदेह हो गया था भीम ने विशाल रूप धारण कर लिया था और दोनों पैरो को फेला कर दो पहरों के बिच फेला दिया था बाकि जानवर तो निकल गए थे परन्तु भगवान शिव ने भीम के पेरो के निचे से निकलना नहीं चाहते थे भीम ने भगवान् शंकर को पहचान लिया था वह भगवान शंकर को पकरने के लिए आगे बड़े  लेकिन भगवान शिव ने बैल के रूप के रूप में जमीं में गायब होने लगे थे भीम ने बैल के पीठे को पाकर लिया था भगवान शंकर पांडवो की भक्ति से खुश हो गए थे उन्होंने पांडवो को पाप मुक्त  कर दिया था तभी से भगवान शंकर बैल के पीठ की आकृति में वहा श्री केदारनाथ ज्योतिलिंग के रूप में पूजे जाते है

श्री केदारनाथ ज्योतिलिंग का मंदिर एक काफी बारे चबूतरे पर बना हुआ है इसका निर्माण १०वि या १२वि सताब्दी के मध्य का है मंदिर कल्चुरियन शेली में बना हुआ है श्री केदारनाथ ज्योतिलिंग हिन्दुओ के प्राचीन चार धाम में से एक है मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव चट्टान के रूप में विराजबान है मुख्य द्वार पर नंदी की मूर्ति है मंदिर के ठीक पीछे शंकराचार्य की समाधी बनी है शंकराचार्य ने ३२ बर्ष की आयु में मोक्ष पप्राप्त किया था श्री केदारनाथ मंदिर के बगल में एक झील है इसका पानी काफी ठंडा है कहा गया है की इसी झील से युधिस्ठिर स्वर्ग गए थे श्री केदारनाथ के करीब ही बासुकी ताल है इसमें काफी बड़े कमल पाए जाते है श्री केदारनाथ में सर्दियों में काफी बर्फ गिरती है नवम्बर से अप्रैल महीने तक मंदिर बंद रहता है इस दोरान यहाँ कोई भी नहीं रहता है श्री केदारनाथ जी की पालकी उखी मठ पहुचा दी जाती है यहाँ के ग्रामीण लोग निचे के गाँव में चले जाते है श्री केदारनाथ मंदिर मंदाकनी नदी के किनारे बसा हुआ है मंदिर के अन्दर अब रौशनी की सुबिधा हो गयी है :बाबा के दर्शन के लिए logo की काफी भीर जमा होती है अब श्री केदारनाथ ट्रस्ट की और से टाइम स्लॉट के अनुसार दर्शन की व्यबस्था  हो गयी है श्री केदारनाथ में रुकने के लिए कई निजी होटल भी है जहा आपको १००० से ४००० में अछे रूम मिल जायेंगे पास ही इक आश्रम भी है जहा भी आप जाकर रुक सकते है २०१३ के त्रासदी के बाद श्री केदारनाथ का नव निर्माण चल रहा है यहाँ आप उस भीम शिला का  दर्शन कर सकते है जो २०१३ की त्रासदी में श्री केदारनाथ मंदिर की रक्षा की थी मंदिर के आस पास भी कई और मंदिर है जिनका भी आप दर्शन पूजन कर सकते है  यहाँ जाने के लिए अब हेलीकाप्टर की भी सुविधा है जो आपको श्री केदारनाथ मंदिर तक पंहुचा देगी आप अपनी सुभिधा के अनुसार दर्शन पूजन कर सकते है :

 WRITEN BY स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज

 

 

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