श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग आंध्र प्रदेश के कुर्नुल जिले में है यह पहुचने के लिए आप को देश के सभी
भागो से रेल और हवाई सुभिधा है श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग का नजदीकी रेलवे स्टेशन
मार्कापुर जंक्शन है जहा से मंदिर की दुरी लगभग ९० किलोमीटर है यह से आपको सीधी बस
मिल जाएगी हवाई यात्रा के लिए नजदीकी हवाई अड्डा हेदराबाद में है जहा से मंदिर की दुरी
लगभग २५० किलोमीटर है यह से भी आपको बस मिल जाएगी
श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग भगवान शिव का दूसरा ज्योतिलिंग है यह मंदिर कृष्णा नदी के किनारे श्री शैलम पर्वत पर
स्थित है इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है श्री शैलम का पुर क्ष्रेत्र जंगलो और
पहारो से भरा परा है
अगर मलिकार्जुन का विसलेशान करे तो यह दो शब्दों मिलकर से बना है एक शव्द है मलिका और शव्द है अर्जुन मलिका
देवी माता पार्वती का नाम है अर्जुन भगवान शिव का नाम है इस प्रकार भगवान शिव और माता
पार्वती दोनों का इस ज्योतिलिंग में समावेश है श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के दर्शन
मात्र से ही मनुष्य की सभी मनो कामने पूर्ण हो जाती है मनुष्य इस ज्योतिलिंग के दर्शन
से जनम मरण के बन्धनों से मुक्त हो जाता है
हेदराबाद से श्री मलिकार्जुन की दुरी लगभग २५० किलोमीटर
है हेदराबाद से लगभग ८से ९ घंटे की यात्रा करने के बाद शिव भक्त श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग
के मंदिर पहुचते है यात्रा के दोरान एक से एक सुन्दर दृश्यों का अबलोकन आप कर सकते
है मंदिर का दर्शन करके शिव भक्त गन भक्तिसे सारा वोर हो जाते है
यह मंदिर बहुत ही पवित्र माना जाता है शिव भक्त पटल
गंगा में स्नान करने के उपरांत भगवान शिव के इस ज्योतिलिंग के दर्शन करते है यहाँ भक्त
शिवलिंग को छूकर पूजा कर सकते है मंदिर में ही पूज करने की व्यवथा है मंदिर के काउंटर
पर शुल्क जमा करने के बाद रशीद मिल जाता है पुजारी को रशीद दिखा देने पर वह बिधि पूर्वक पूजा
समापन करवा देता है हर साल यहाँ शिव रात्रि के अबसर पर यह विशाल मेला का आयोजन किय
जाता है
श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के पास ही दुर्गा माता
का भी एक मंदिर है इस मंदिर का भी काफी महत्व है कहा जाता है की यहाँ माता दुर्गा ने
भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी माता ने इस पवित्र स्थानको अपने निवास स्थान के रूप
में चुना था माता दुर्गा की महिमा का बरनन करना कठिन है माता अपने भक्तो की सभी मनो कामना पूर्ण करती है
इनके दर्शन से इनके भक्त कृताथ हो जाता है
ट्रस्ट द्वारा संचालित गेस्ट हाउस में आपको रहने के
लिए रूम आसानी से मिल जायेंगे यहाँ ए सी रूम भी उपलध है मंदिर के गेस्ट हाउस में उचित
दर पर भोजन भी मिल जाता है यहाँ साउथ इंडियन
भोजन भी मिल जाता है इसके आलावे यहाँ निजी होटल भी मिल जाते है छत्रपति शिवाजी महाराज
ने भी इस मंदिर के निर्माण में काफी योगदान दिया था वह काफी दयालु थे उन्नोने यह इक
भोजनालय का निर्माण करवाया था जिसमे सभी भक्तो को मुफ्त में खाना खिलने की सुबिधा थी
यह पहल्रे विजय नगर साम्रज का अंग था विजय नगर सम्राज के राजवंश भ्ग्वान्शिव पर
अपार श्रधा रखते थे विजय नगर के राजाओ ने मंदिर के प्रमुख्य हिस्सों का निर्माण करवाया
था महाराज होलकर शिव भक्त थे
बह ज्योतिलिंग के दर्शन पूजन के लिए अक्सर यहाँ आते
थे उसने यहाँ भक्तो के लिए इक घाट का निर्माण करवाया था यह मंदिर दक्षिण भारतीय शेली
में बना हुआ है नकाशीदार दीवारे मन को मोह लेती है खंभों पर किया गया नक्काशी का काम
अद्वतीय है छत की कलाकारी शिल्प कोशल देखने योग्य है श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के
मंदिर को देखकर बारे बारे कला के विशेषसग भी चकित रह जाते है यह मन्दिर स्तात्पय कला
का वेजोर नमूना है आप समय निकल कर एक बार जरुर इस ज्योतिलिंग के दर्शन पूजन का लाभ
उठाए भगवान शिव के सानिध्य में जाकर अपने जनम और जीवन दोनों को सफल करे ]
Writened by स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें