गुरुवार, 26 दिसंबर 2024

SHREE MALIKARJUN JYOTILING



 

श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग आंध्र प्रदेश के कुर्नुल जिले में है यह पहुचने के लिए आप को देश के सभी भागो से रेल और हवाई सुभिधा है श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग का नजदीकी रेलवे स्टेशन मार्कापुर जंक्शन है जहा से मंदिर की दुरी लगभग ९० किलोमीटर है यह से आपको सीधी बस मिल जाएगी हवाई यात्रा के लिए नजदीकी हवाई अड्डा हेदराबाद में है जहा से मंदिर की दुरी लगभग २५० किलोमीटर है यह से भी आपको बस मिल जाएगी

श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग भगवान शिव का दूसरा  ज्योतिलिंग है  यह मंदिर कृष्णा नदी के किनारे श्री शैलम पर्वत पर स्थित है इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है श्री शैलम का पुर क्ष्रेत्र जंगलो और पहारो से भरा परा है

अगर मलिकार्जुन का विसलेशान करे तो यह दो शब्दों मिलकर  से बना है एक शव्द है मलिका और शव्द है अर्जुन मलिका देवी माता पार्वती का नाम है अर्जुन भगवान शिव का नाम है इस प्रकार भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का इस ज्योतिलिंग में समावेश है श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के दर्शन मात्र से ही मनुष्य की सभी मनो कामने पूर्ण हो जाती है मनुष्य इस ज्योतिलिंग के दर्शन से जनम मरण के बन्धनों से मुक्त हो जाता है

हेदराबाद से श्री मलिकार्जुन की दुरी लगभग २५० किलोमीटर है हेदराबाद से लगभग ८से ९ घंटे की यात्रा करने के बाद शिव भक्त श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के मंदिर पहुचते है यात्रा के दोरान एक से एक सुन्दर दृश्यों का अबलोकन आप कर सकते है मंदिर का दर्शन करके शिव भक्त गन भक्तिसे सारा वोर हो जाते है

यह मंदिर बहुत ही पवित्र माना जाता है शिव भक्त पटल गंगा में स्नान करने के उपरांत भगवान शिव के इस ज्योतिलिंग के दर्शन करते है यहाँ भक्त शिवलिंग को छूकर पूजा कर सकते है मंदिर में ही पूज करने की व्यवथा है मंदिर के काउंटर पर शुल्क जमा करने के बाद रशीद मिल जाता है  पुजारी को रशीद दिखा देने पर वह बिधि पूर्वक पूजा समापन करवा देता है हर साल यहाँ शिव रात्रि के अबसर पर यह विशाल मेला का आयोजन किय जाता है

श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के पास ही दुर्गा माता का भी एक मंदिर है इस मंदिर का भी काफी महत्व है कहा जाता है की यहाँ माता दुर्गा ने भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी माता ने इस पवित्र स्थानको अपने निवास स्थान के रूप में चुना था माता दुर्गा की महिमा का बरनन करना कठिन  है  माता अपने भक्तो की सभी मनो कामना पूर्ण करती है इनके दर्शन से इनके भक्त कृताथ हो जाता है

ट्रस्ट द्वारा संचालित गेस्ट हाउस में आपको रहने के लिए रूम आसानी से मिल जायेंगे यहाँ ए सी रूम भी उपलध है मंदिर के गेस्ट हाउस में उचित दर पर भोजन भी मिल जाता  है यहाँ साउथ इंडियन भोजन भी मिल जाता है इसके आलावे यहाँ निजी होटल भी मिल जाते है छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी इस मंदिर के निर्माण में काफी योगदान दिया था वह काफी दयालु थे उन्नोने यह इक भोजनालय का निर्माण करवाया था जिसमे सभी भक्तो को मुफ्त में खाना खिलने की सुबिधा थी यह पहल्रे विजय नगर साम्रज का अंग था विजय नगर सम्राज के राजवंश भ्ग्वान्शिव पर अपार श्रधा रखते थे विजय नगर के राजाओ ने मंदिर के प्रमुख्य हिस्सों का निर्माण करवाया था महाराज होलकर शिव भक्त थे

बह ज्योतिलिंग के दर्शन पूजन के लिए अक्सर यहाँ आते थे उसने यहाँ भक्तो के लिए इक घाट का निर्माण करवाया था यह मंदिर दक्षिण भारतीय शेली में बना हुआ है नकाशीदार दीवारे मन को मोह लेती है खंभों पर किया गया नक्काशी का काम अद्वतीय है छत की कलाकारी शिल्प कोशल देखने योग्य है श्री मलिकार्जुन ज्योतिलिंग के मंदिर को देखकर बारे बारे कला के विशेषसग भी चकित रह जाते है यह मन्दिर स्तात्पय कला का वेजोर नमूना है आप समय निकल कर एक बार जरुर इस ज्योतिलिंग के दर्शन पूजन का लाभ उठाए भगवान शिव के सानिध्य में जाकर अपने जनम और जीवन दोनों को सफल करे ]

Writened by स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज

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