श्री सोमनाथ ज्योतिलिंग गुजरात राज्य के सोरास्त्र पाठन के वेरावल जिले में है यह भगवान् शिव का पहला
ज्योतिलिंग है यहाँ जाने के लिए आपको पुरे देश से ट्रेन या हवाई यात्रा मिल जायेगी इस ज्योतिलिंग तक जाने के लिए आपको गुजरात के अहमदाबाद
जंक्शन या राजकोट जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुचना होगा जहा से आपको हर घंटे श्री सोमनाथ
के लिए ट्रेन मिल जाएगी अभी बर्तमान में वेरावल जंक्शन तक ही ट्रेन जाती है आप देश के किसी भी कोने से
राजकोट जंक्शन पहुचे जहा से आपको सीधी ट्रेन वेरावल जंक्शन के लिए मिल जाएगी वेरावल
जंक्शन से श्री सोमनाथ ज्योतिलिंग के लिए ऑटो या बस चलती है जहा का किराया लगभग २०
से ३० रुपये है जो आपको सीधे मंदिर के सामने बाले चोक पर पंहुचा देगी जहा से आप सीधे
मंदिर की और जा सकते है मंदिर के ट्रस्ट की और से आप के सामान को रखने के लिए निह्सुल्क
लाकर की सुबिधा है आप वहा अपना सामान रखकर मंदिर में सीधे दर्शन के जा सकते है बर्तमान
मंदिर को १९५० में बनबाया गया है इस मंदिर का उद्घाटन देश के प्रथम रास्त्रपति डॉक्टर श्री राजेंद्र प्रसाद जी के द्वारा मई १९५१ में किया गया था इस मंदिर का रंग गुलाबी
कलर का है और यह सागर के किनारे शान से शिर उठाए खरा है यह मंदिर अहमदाबाद से करीब
४१५ किलोमीटर की दुरी पर है भगवान शिव की महिमा बहुत ही निराली है भगवान शिव का अपने
भक्तो के साथ अनूठा पबित्र समंध है भगवान शिव ही सत्य है भगवान शिव ही सबसे सुन्दर
है भगवान शिव भोले भंडारी है इसीलिए तो कहा गया है की सत्यम शिवम् सुन्दरम सत्य ही
शिव है शिव ही सुन्दर है जगत में शिव ही जगत के आधार है शिव ही जनम है शिव ही युवा
है शिव ही जीवन है शिव ही अंत है जीवन के इस आधार से आपक पीछे नहीं हट सकते है शिव
ही विष्णु है शिव ही ब्रह्मा है शिव ही पूरी कायनात है शिव ही स्तृति का विनास्श भी
करते है भगवान शिव अपने हर भक्तो की हर मनोकामने पूर्ण करते है भगवान् शिव सृती के
कण कण में ब्याप्त है इनके अस्मरण मात्र से ही हर प्राणी का कल्याण हो जाता है और अंत
में इनकी ही कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है भगवान शिव की महिमा का बरनन हर जिव प्राणी अपने सामथ्य
के अनुसार करता है भगवान् शिव के ज्योतिलिंग साडी दुनिया में प्रसिद्ध है इनके दर्शन
मात्र से ही सारे प्राणियों का कल्याण हो जाता है
श्री सोमनाथ मंदिर का काफी पुराना इतिहास है श्री
सोमनाथ मंदिर के बारे में विद्वानों का कहना है की यह मंदिर इसा से नही पहले बनाया
गया था परन्तु इस मंदिर को कई बार आक्रमण करियो के द्वारा बार बार तोरा गया और कई बार
इसका पूर्ण निर्माण भी हुआ लेकिन बार बार तोरने
के बाद भी शिव भक्तो के श्रधा में किसी प्रकार
की कमी नहीं आई है देश केसभी भागो ही नहीं पुरे देश से यहाँ रेल सरक या हवाई यात्रा
के माध्यम से यह पंहुचा जा सकता है इस मंदिर के पास ही समुद्र भी है यह मंदिर अरब सागर के किनारे है मंदिर के बर्तमान
स्वरुप का निर्माण सरदार बल्लव भाई पटेल ने करवाया
था
यह मंदिर श्री सोमनाथ ट्रस्ट के द्वारा संचालित है
ट्रस्ट गुजरात सरकार के अधीन है जो मंदिर और उनसे समन्धित सरे कार्यो का संचालन करती
है ट्रस्ट का मुख्यालय शाही बाग़ में है
यहाँ भगवान शिव के ज्योतिलिंग का दर्शन निह्शुलक है
भक्तो के आस्था को देखते हुई शुल्क जमा करने पर विशेष पूजा करने की भी ब्यबस्था है
शुल्क काउंटर पर पैसा जमा करने पर रशीद प्राप्त किया जा सकता है जिसे पुजारी को दिखने
पर वह विधि पूर्वक पूजा करवा देते है श्री सोमनाथ जी के ज्योतिलिंग पर जल चढाने की
बय्बस्था नहीं है ट्रस्ट द्वारा संचलित गेस्ट हाउस में नॉन ऐसी अवम ऐसी कमरे उपलध है
गेस्ट हाउस में उचित दर पर कमरे और भोजन भी मिल जाता है जहा गुरति भोजन का भी लुफ्त
उठाया जा सकता है इसके अलाबा निजी होटल और धरम शालाये भी है जहा आपको कमरे आशानी से
मिल जायेंगे
मुख्य मंदिर के आसपास ही थोरी दूर पर महारानी अहिल्याबाई
द्वारा निर्मित सोमनाथ जी का एक और मंदिर है जहा आप शिव लिंग पर जल चढ़ा सकते है मंदिर
के आस पास में और अनेक दर्शनीय स्थल है इसमें गीता मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर श्री
परशु राम मंदिर त्रिवेणी संगम घाट मंदिर श्री शशि भूषण महादेव मंदिर विश्व्वेस्वर महादेव
मंदिर प्रमुख्य है मंदिर के पास ही एक सी ब्रिज है जहा से सूर्य के अस्त होने के रमणीक
दृश्य का आनद लिय जा सकता है अरब सागर के किनारे बने इस मंदिर ज्योतिलिंग के दर्शन
करके भक्त कृताथ हो जाते है भगवान शिब के आशिर्बाद से उनके सारे मनोकामने पूर्ण हो
जाते है
Written by स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज
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