बुधवार, 25 दिसंबर 2024

SHREE SOMNATH JYOTILING GUJRAT

 

श्री सोमनाथ ज्योतिलिंग गुजरात राज्य के सोरास्त्र  पाठन के वेरावल जिले में है यह भगवान् शिव का पहला ज्योतिलिंग है यहाँ जाने के लिए आपको पुरे देश से ट्रेन या हवाई यात्रा  मिल जायेगी  इस ज्योतिलिंग तक जाने के लिए आपको गुजरात के अहमदाबाद जंक्शन या राजकोट जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुचना होगा जहा से आपको हर घंटे श्री सोमनाथ के लिए ट्रेन मिल जाएगी अभी बर्तमान में वेरावल जंक्शन  तक ही ट्रेन जाती है आप देश के किसी भी कोने से राजकोट जंक्शन पहुचे जहा से आपको सीधी ट्रेन वेरावल जंक्शन के लिए मिल जाएगी वेरावल जंक्शन से श्री सोमनाथ ज्योतिलिंग के लिए ऑटो या बस चलती है जहा का किराया लगभग २० से ३० रुपये है जो आपको सीधे मंदिर के सामने बाले चोक पर पंहुचा देगी जहा से आप सीधे मंदिर की और जा सकते है मंदिर के ट्रस्ट की और से आप के सामान को रखने के लिए निह्सुल्क लाकर की सुबिधा है आप वहा अपना सामान रखकर मंदिर में सीधे दर्शन के जा सकते है बर्तमान मंदिर को १९५० में बनबाया गया है इस मंदिर का उद्घाटन देश के प्रथम रास्त्रपति  डॉक्टर श्री राजेंद्र प्रसाद जी के द्वारा  मई १९५१ में किया गया था इस मंदिर का रंग गुलाबी कलर का है और यह सागर के किनारे शान से शिर उठाए खरा है यह मंदिर अहमदाबाद से करीब ४१५ किलोमीटर की दुरी पर है भगवान शिव की महिमा बहुत ही निराली है भगवान शिव का अपने भक्तो के साथ अनूठा पबित्र समंध है भगवान शिव ही सत्य है भगवान शिव ही सबसे सुन्दर है भगवान शिव भोले भंडारी है इसीलिए तो कहा गया है की सत्यम शिवम् सुन्दरम सत्य ही शिव है शिव ही सुन्दर है जगत में शिव ही जगत के आधार है शिव ही जनम है शिव ही युवा है शिव ही जीवन है शिव ही अंत है जीवन के इस आधार से आपक पीछे नहीं हट सकते है शिव ही विष्णु है शिव ही ब्रह्मा है शिव ही पूरी कायनात है शिव ही स्तृति का विनास्श भी करते है भगवान शिव अपने हर भक्तो की हर मनोकामने पूर्ण करते है भगवान् शिव सृती के कण कण में ब्याप्त है इनके अस्मरण मात्र से ही हर प्राणी का कल्याण हो जाता है और अंत में इनकी ही कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है  भगवान शिव की महिमा का बरनन हर जिव प्राणी अपने सामथ्य के अनुसार करता है भगवान् शिव के ज्योतिलिंग साडी दुनिया में प्रसिद्ध है इनके दर्शन मात्र से ही सारे प्राणियों का कल्याण हो जाता है

श्री सोमनाथ मंदिर का काफी पुराना इतिहास है श्री सोमनाथ मंदिर के बारे में विद्वानों का कहना है की यह मंदिर इसा से नही पहले बनाया गया था परन्तु इस मंदिर को कई बार आक्रमण करियो के द्वारा बार बार तोरा गया और कई बार इसका पूर्ण निर्माण भी  हुआ लेकिन बार बार तोरने के बाद भी  शिव भक्तो के श्रधा में किसी प्रकार की कमी नहीं आई है देश केसभी भागो ही नहीं पुरे देश से यहाँ रेल सरक या हवाई यात्रा के माध्यम से यह पंहुचा जा सकता है इस मंदिर के पास ही समुद्र  भी है यह मंदिर अरब सागर के किनारे है मंदिर के बर्तमान स्वरुप का निर्माण सरदार बल्लव भाई पटेल ने करवाया 

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यह मंदिर श्री सोमनाथ ट्रस्ट के द्वारा संचालित है ट्रस्ट गुजरात सरकार के अधीन है जो मंदिर और उनसे समन्धित सरे कार्यो का संचालन करती है ट्रस्ट का मुख्यालय शाही बाग़ में है

यहाँ भगवान शिव के ज्योतिलिंग का दर्शन निह्शुलक है भक्तो के आस्था को देखते हुई शुल्क जमा करने पर विशेष पूजा करने की भी ब्यबस्था है शुल्क काउंटर पर पैसा जमा करने पर रशीद प्राप्त किया जा सकता है जिसे पुजारी को दिखने पर वह विधि पूर्वक पूजा करवा देते है श्री सोमनाथ जी के ज्योतिलिंग पर जल चढाने की बय्बस्था नहीं है ट्रस्ट द्वारा संचलित गेस्ट हाउस में नॉन ऐसी अवम ऐसी कमरे उपलध है गेस्ट हाउस में उचित दर पर कमरे और भोजन भी मिल जाता है जहा गुरति भोजन का भी लुफ्त उठाया जा सकता है इसके अलाबा निजी होटल और धरम शालाये भी है जहा आपको कमरे आशानी से मिल जायेंगे

मुख्य मंदिर के आसपास ही थोरी दूर पर महारानी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित सोमनाथ जी का एक और मंदिर है जहा आप शिव लिंग पर जल चढ़ा सकते है मंदिर के आस पास में और अनेक दर्शनीय स्थल है इसमें गीता मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर श्री परशु राम मंदिर त्रिवेणी संगम घाट मंदिर श्री शशि भूषण महादेव मंदिर विश्व्वेस्वर महादेव मंदिर प्रमुख्य है मंदिर के पास ही एक सी ब्रिज है जहा से सूर्य के अस्त होने के रमणीक दृश्य का आनद लिय जा सकता है अरब सागर के किनारे बने इस मंदिर ज्योतिलिंग के दर्शन करके भक्त कृताथ हो जाते है भगवान शिब के आशिर्बाद से उनके सारे मनोकामने पूर्ण हो जाते है

  Written by स्वामी निर्मल गिरी जी महाराज

 

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